बगलवाली मस्त पड़ोसन

अनन्या कि चूत बहुत सुंदर थी। खूब बड़ी सी सेक्सी चूत थी।

बगलवाली मस्त पड़ोसन
अनन्या कि चूत बहुत सुंदर थी। खूब बड़ी सी सेक्सी चूत थी।

अनन्या कि चूत बहुत सुंदर थी। खूब बड़ी सी सेक्सी चूत थी।

बिलकुल भरी हुई और गदराई चूत थी।

उपर की तरफ उठी हुई चूत थी औनती की।

मैं जिब्भ लगाकर रोली उसकी चूत पिने लगा तो वो “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” करने लगी।

फिर मैंने मेरी अंडरवेर निकाल दिए और नंगा होकर अनन्या की मस्त मस्त बुर पर लेट गया और जीभ लगाकर पिने लगा।

मैं अपनी जीभ से उसकी रसीली चूत को चाट रहा था। कुछ देर बाद उसको बहुत मजा आने लगा और उसे चुदाई का नशा छाने लगा।

वो अपनी कमर और गांड उठाने लगी।

मैं समझ गया था की उसको मजा आ रहा है इसलिए मैं और तेज तेज उनकी चूत पीने लगा।

मैं आज उसकी चूत को बिलकुल खा जाना चाहता था।

मैं बहुत जादा जोश में आ गया था और मुझपर चुदाई का नशा छा गया था।

फिर हम दोनो 6-9 पोसिशन में आगये, मेने मेरा लंड उसके मुह में दिया पेहले वो थोडा परेशान लागी लेकिन बाद में उसने भी बडे मझे से मेरे लंड को चुसने लागी.

में भी उसकी चुत बहुत ही अच्छे तारिके से चुस राहा था.

वो मजे से आः ह्ह्ह ह ह हह ह हह ह ह हह ह हह ह ह हह ह हह ह हह ह हह ह ह हह ह हह ह ह हह ह ह्ह्ह्ह ह ह हह उ उ ऊ उ उ इउ ई इ इ इ ई इ इ इ ई इ इ इ ई इ ई इ इ ई ई इ इ ई कर रही थी.

मैंने अब जीभ और अन्दर घुसेड दी |

वो अब जोर जोर से ओह यस, ओह यस, ओह्ह्ह ह हह ह हह ह हह ह ह ह हह ह्ह्ह ह ह ह हह ह ह हह ह ईई ईई इ इ इ ई इ इ ई इ इ इ इ करने लगी |

मुझे समज आगया कि वो चुदने के लिये पुरी तरह से तयार हें तो मेने अपना लंड उसके मुह से निकाल के उसके चुत पर रागडना सुरु किया.

वो आह ह ह हह ह ह हह हह ह हह ह हह फक मी आकाश .. आह हह ह ह ह हह ह ह फक मी हार्ड.. आई ई इ इ ई इ इ ई इ इ ई इ ई इ इह ह हह ह हह उह ह हह ह ह मुझे चोद के अपना बना लो आकाश प्लीज फक मी जल्दी चोदो अब मत तडपावो मुझे आह्ह्ह.. उउउउउउउम्म्म्म्मआआआ करने लगी |

में अब अपनी जीभ से उसकी फ़ुद्दी चाटने लगा था , उसके शरीर में बिजलियाँ दौड़ने लगी थी, वो कामुक स्वर में बोली- आकाश ! अब देर मत करो प्लीज़…

इतना सुनते ही मेने उसके फ़ुद्दी में ढेर सारा थूक लगाया और अपने मोटे लण्ड के मुँह को उसकी फ़ुद्दी के मुँह पर रख कर धक्का मारा, उसे बहुत दर्द महसूस हुआ लेकिन कुंवारी फ़ुद्दी होने के कारण और मेरा लण्ड भी फिसल जाने के कारण ज्यादा दर्द नहीं सहना पड़ा।

मेने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और अपने हाथों से उसके जाँघों को थोड़ा और फ़ैला दिया और लिंग-मुंड को फिर से फंसा कर दोबारा कोशिश करने लगा.

मेने इस बार हल्का सा धक्का दिया, लिंग-मुंड उसकी फ़ुद्दी को लगभग फाड़ते हुए अन्दर घुस गया।

दर्द के मारे उसकी चीख निकल गई… आ ई ई ई ऊई मां मर गई मैं तो, प्लीज ,,निकालो,, इसे,,,