गाड़ी सिखाने वाले 1 सर ने मारी मेरी चूत

जो भी मुझे देखता था अपनी पेंट पर हाथ रख देता था. ऐसा नहीं है कि मैं वर्जिन हूं.

गाड़ी सिखाने वाले 1 सर ने मारी मेरी चूत
उसने फट मेरी सीट को लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया

मैं भी एक छोटी बच्ची की तरह उसके लंड को एक लॉलीपॉप समझकर अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. उसका लंड इतना लंबा और मोटा था वह मेरे मुंह में भी समा नहीं रहा था.

हाय यह मेरी पहली स्टोरी है इसीलिए मुझसे कोई गलती हो जाए तो मुझे माफ कर देना मैं एक सरदारनी हूं गुडगांव से. आप सब जानते हैं किस सरदारनी लड़कियां कितनी हॉट होती हैं, मैं भी कुछ वैसी ही हूं लंबा कद, पतली कमर, गोरा रंग, भरे हुए मम्मे, और गोल गोल गांड और लंबे बाल.

जो भी मुझे देखता था अपनी पेंट पर हाथ रख देता था. ऐसा नहीं है कि मैं वर्जिन हूं.

स्टोरीज तो बहुत है शेयर करने के लिए लेकिन शुरूआत इस स्टोरी से कर रही हूं. मैं कॉलेज सेकंड ईयर में थी. सब लड़कियों को गाड़ी चलाते देख मेरा भी मन करता था कि मैं भी गाड़ी चलाऊ मैंने पापा जी से बहुत जिद की कि गर्मी की छुट्टी में मुझे भी कार सीखनी है.अगले दिन सुबह ही पास के ड्राइविंग स्कूल से एक गाड़ी और ड्राइवर आ गए. जट ड्राइवर था कोई 24 – 25 साल का लंबा हैंडसम.

मैं भी सज धज के अपनी रेड शोर्टस और वाइट स्लीवलेस टॉप पहन के घर से बाहर चली गई. वह तो पहले मुझे देखता ही रह गया. मैंने कहा क्या हुआ भैया चलना नहीं है क्या? वह थोड़ा घबरा गया.

फिर गाड़ी से बाहर आया और मुझे गाड़ी के बारे में समझाने लगा. फिर हम राइड पर निकले पहले दिन उसने मुझे व्हील बैलेंस करना सिखाया.

मुझे महसूस हुआ कि वह कुछ ज्यादा ही मेरे बूब्स को छूने की कोशिश कर रहा था. मैंने भी सोचा कोई बात नहीं इतना तो होता ही है. रोज क्लास चलने लगी कभी कभी वह घर गियर करने के बहाने मेरी गोरी जांघ को छू लेता मैंने कई बार उसकी पेंट में उसका उभार देखा. एक दिन हम गाड़ी चलाते हुए बाहर हाईवे पर थोड़ा जंगल की तरफ चले गए.

उसने एक सुनसान जगह जाकर झटके से हैंड ब्रेक खिंच दी .. गाड़ी थोड़ी मिसबैलेंस हो गई और मैं भी. मैं अचानक से उसकी ओर जा कर गिर गई और मेरा मुंह उसकी पेंट की जिप के पास जाकर लगा.

वह बोला मैडम जी मैं भी समझता हूं कि रोज जो तुम यह छोटे कपड़े पहन के आती हो वह मेरा लंड खड़ा करने के लिए पहनती हो. मैंने उसे गुस्से से देखा और बोला मैं रोज ऐसे ही कपड़े पहनती हूं. तुम्हारे लिए कुछ खास नहीं करती मैं. अपनी औकात में रहो.

यह सुनते ही उसे गुस्सा आ गया और उसने जोर से मेरे मुंह पर एक तमाचा मार दिया और बोला हरामजादी औकात तो मैं अब में बताऊंगा तुझे. अपनी भी और तेरी भी. मैं डर गई उसने मुजे जबरदस्ती पकड़ा और मेरे होंठ चूमने लगा, मैंने बहुत विरोध किया.

लेकिन उसने मुझे नहीं छोड़ा वह साथ में मेरे बूब्स भी दबाने लगा मुझे धीरे धीरे मजा आ रहा था मैंने सोचा अब यह मेरी चुदाई जरूर करेगा जबरदस्ती से अच्छा है फिर मैं भी मान जाऊं और मजे लू. मैंने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया था. वह समझ गया था कि मैं भी रेडी हूं. हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे. उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया. इतना सख्त और मोटा था कि क्या बताऊं? मैं पैंट के ऊपर से ही उसका लंड मसलने लगी.

कभी उंगलियों से खेल रहा था, कभी अपनी जीभ उनपर घुमा रहा था. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने भी उसकी पेंट खोली और उसके लंड को आजाद किया बहुत ही मस्त और लंबा लंड था उसका. मोटा तगड़ा लंड देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया. वह समझ गया था उसने मेरा मुंह अपने लंड की तरफ जुका दिया.

मगर ऐसा लंड चूसने का मजा मैं कैसे छोड़ सकती थी? मैं उसके लंड को अंदर बाहर करते चूस रही थी और वो अहः हहह हह्ह्ह उम्म्म्म येस्स्स्स येस्स्स्स किये जा रहा था. मैं कभी उसके लंड की लंबाई पर अपनी जीभ फेरती तो कभी उसके टटटो को सहलाती.

फिर मैं उसके लंड से खेलने लगी और उसके टटटो पर चूसने लगी… बहुत मजा आ रहा था मुझे.. उसने बोला बस कर रांड अब नहीं तो मेरा पानी निकल जाएगा.

मैंने उसके लंड छोड़ दिया उसने जल्दी से मेरी शॉर्ट और पैंटी उतार दी मेरी गुलाबी और बिना बालों की चूत देखते ही उसकी आंखों में एक चमक सी आ गई. उसने कहा कसम से आजतक बहुत लड़कियों को चोदा है मैंने, मगर तेरे जैसा माल नहीं चोदा. मैंने कहा अब बातें बंद करो पर जल्दी मेरी चूत की आग को बुझाओ, घर भी जाना है..

उसने फट मेरी सीट को लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने अपना लंड मेरी चूत में एक झटके के साथ डाल दिया.

मुझे बहुत दर्द हुआ… मैं चिल्लाई… भड़वे इतना झटके से क्यों डाला मेरी चूत फट गई है. उसने मुझे सॉरी बोला और कहा मेरी रानी सॉरी अब आराम से करुंगा. लेकिन उस हरामी ने फिर से एक जोर का झटका मारा और मेरे मुंह पर अपना हाथ रख दिया, मेरी आंखों से आंसू आ गए.

फिर वह धक्के मारने लगा तेरे धीरे दर्द कम होने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी. उसने मेरे मुंह से हाथ हटा दिया. मुझे बहुत मजा आ रहा था. गाड़ी में आः अहहह अह्ह्ह उह्ह्ह ऊम्म्म येस्स अहहह यह्ह्ह्ह येह्ह्ह्ह की आवाज गूंज रही थी.

मैं उसकी गांड पकड़कर उसे और अपने अंदर धकेल रही थी. बहुत मजा आ रहा था. मैं दो बार झड़ चुकी थी. और वह अभी भी चालू था. थोड़ी देर बाद वह बोला मैं झड़ने वाला हूं. मैंने कहा मेरे अंदर मत छोड़ना नहीं तो प्रॉब्लम हो जाएगी.

उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी पैंटी पर अपना सारा का सारा माल फेक दिया. फिर उसने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाट कर साफ किया

और मैंने उसका लंड साफ किया. हम दोनों की जीभ पर एक दूसरे के माल थे.

फिर हमने स्मूच की और एक दूसरे के माल को चाटा… बहुत मजा आया हमने कपड़े पहने लेकिन उसने मेरी पेंटी को अपने पास रख लिया गिफ्ट समझकर. मैंने अपने बाल और फेस ठीक किया.. फिर हम घर की तरफ चल पड़े. अगले 1 हफ्ते हमने रोज चूत चुदाई की फिर हम दोनों अपनी अपनी लाइफ में बिजी हो गए.

आपको मेरी यह सच्ची सेक्स घटना कैसी लगी मुझे Telegram पर ज़रूर बताये में आपके comment और message का इंतज़ार करूगा. इसके अलावा आप कहानी पर नीचे कमेंट करके भी अपनी राय दे सकते हैं.