लंड के बिना नही रह सकती

मैं उसको पूरे शरीर को चूमता चूमता उसकी गांड तक पहुंच गया

लंड के बिना नही रह सकती
मैं उसको पूरे शरीर को चूमता चूमता उसकी गांड तक पहुंच गया

मुझे आप लोगो के बहोत सरे मेल मिले और वह पढ कर मुझे बहोत अच्छा लगा. आप लोगो को मेरी पहले वाली कहानिया पसंद आई यह सुन कर मुझे बहोत अच्छा लगा और उससे मुझे यह मेरी आप बीती लिखने की प्रेरणा भी मिली हे.

अब हम लोग आते हे असली स्टोरी पर जो अभी हाल में ही मेरे साथ हुई हे. उस वक्त में और मेरी भाभी दोपहर को सेक्स कर के जास्त बैठे थे की अचानक उसकी डोर बेल बजी. भाभी ने कहा की इस वक्त कोन आया होगा और भाभी ने जा के दरवजा खोला तो उनकी एक फ्रेंड थी.

उसने उसकी अंदर बुलाया और वह मेरे सामने आकर बैठ गयी. उसे देख के में तो हक्का बक्का रह गया क्या मस्त आयटम थी वह? यारो में तो उसे देखते ही एकदम से पागल हो गया था और मेरा लंड तो उसकी नशीली आखे देख कर खड़ा हो गया था. उसकी हाईट ५ फुट ८ इंचथी और उसकी फिगर का साइज़ ३४-३६-३८ था. और उसकी आँखे भूरी थी, और में तो भूरी आँखे देख कर एकदम पागल हो जाता हु. मेरा मन तो करता हे की बस उसकी आँखों में खो जाऊ और पूरी दुनिया को भुला दू.

फिर भाभी ने उसे आवाज लगई दुसरे रूम से और वह वहा पर चली गई और में यहाँ अपना लंड पकड़ कर बैठ गया. थोड़ी देर के बाद वह अंदर से कुछ ले चली गई, फिर भाभी हस्ती हुई बहार आई और मेरे पास आकर कुछ बोलने ही वाली थी के मेने उसे बोलते हुए रोक लिया और कहा

में ने कहा : भाभी ऐसी आफत आप के घर में कैसे?

भाभी ने कहा : अभी कुछ दिन पहले ही हमारे पड़ोस में रहने के लिए आई हे और उसका नाम कविता हे.

मेने कहा : ओह माय गॉड. ओह माय गॉड बहोत हॉट थी वह उसे देख कर और याद कर के भी मेरा लंड खड़ा हो जाता हे देखो.
भाभी ने मेरे लंड की तरफ देखा और कहा

भाभी : अरे बाप रे यह तो रेग्युलर से भी बहोत बड़ा हो गया हे.

मेने कहा : भाभी इसका कुछ तो जुगाड़ करो अब आप को ही करना हे जो करना हे वह लेकिन मुझे इसकी चूत में मेंरा लंड डालना हे बस.

भाभी ने कहा : अरे तू तो एक ही बार में उस पर फ़िदा हो गया हे. अभी तो मेरी उसके साथ कुछ जान पहचान भी नहीं हुई हे ठीक तरह से. और में तेरा सेटिंग इसके साथ इतना जल्दी से केसे करवा दू?

मेने कहा : वह तो में कुछ भी नहीं जानता हु, तुम कुछ भी करो मुझे वह चाहिए, वरना तुम अपने लिये दुसरे किसी का लंड ढूंढ लेना.

भाभी ने कहा : अरे तू तो बहोत नाराज हो गया ऐसा लग रहा हे. ठीक हे अब मेरी भी मज़बूरी हे में कुछ न कुछ करती हु तेरे लिए क्योंकि में तो तेरे लंड के बिना नहीं जी सकती हु.

चल में कुछ करुँगी लेकिन इस खड़े का कुछ तो करना पड़ेगा ना और वह मेरे लंड की तरफ देखने लगी.

वह मेरा लंड देख कर फिर से गर्म हो गयी थी और मेरे पास आकर अपना गाउन ऊपर कर के मेरा लंड मेरी पेंट में से बहार निकाल कर लंड के ऊपर बैठ गयी. और वह मेरे लंड पर ऊपर निचे करने लगी. उसके मुह से बहोत ही सेक्सी अवजे निकल रही थी. वह अपनी आँखे बंद कर के मेरे ऊपर इस तरह से कूद रही थी की जैसे कोई बच्चा घोड़े के ऊपर बैठ के घोड़ सवारी करता हे. वह अहह ओफ्ह हहह ओह्ह हहह ओह्ह अम्म्म ओह्ह अह्ह्ह येस्स कर के अपने लंड पे बैठ रही थी. और में चुप चाप अपनी आँखे बंद कर के कविता की सुरत को अपने सामने लाके उसके दर्शन कर रहा था और अपने मन में वह मेरे ऊपर बैठ कर चुदवा रही हे ऐसी कल्पना कर रहा था.

मेरे दिमाग में तो बस वही घूम रही थी. फिर मेने भाभी को गांड से उठाया और बेड पर पटक दिया और कविता को याद कर के मेने भाभी को सीधा और टेढ़ा मेढा कर के इतना चोदा की भाभी भी खुश हो गयी और फिर हम दोनों साथ में ही जद गये. फिर भाभी बोली..

भाभी : मुझे पता हे तू आज मुझे उसको याद कर के ही चोद रहा था हे ना.

मेने कहा : हां भाभी, बहोत मजा आया, मुह्ह्ह्ह लिप किस.

भाभी ने कहा : ह्म्म्म म्मम्मम तभी में सोचु के इतना मजा क्यों आ रहा हे, कमीने मेरी चूत की धज्जिया उडा दी तूने. लगता हे की तेरे लिए अब उसका जुगाड़ करना ही पड़ेगा. वरना तू हर बार मेरी चूत की यही हालत कर देगा. और हम दोनों साथ में हसने लगे, फिर में वहा से निकल गया, और ३-४ दिन बाद उसको याद कर के रोज रात को बीवी को चोदता और बीवी को भी पागल कर देता.

फिर तिन चार दिन के बाद मेरी भाभी का दोपहर को फोन आया की क्या कर रहे हो? फ्री हो तो आ जाओ घर पर चाय नाश्ता करने के लिए. मेने कहा की नहीं भाभी अब तो में सीधा फुल थाली ही खाऊंगा, चाय नाश्ता में मेरा कोई मन नहीं हे.

भाभी बोली अरे आ तो जा पहले फिर देखते हे की चाय पानी होता हे या फिर फुल थाली होती हे. उस दिन मुझे भी छुट्टी थी तो में उसके घर चला गया, अंदर जाते ही भाभी ने मुझे दबोच लिया और मुझे लिप किस करने लगी और मुझे जोर जोर से चूमने लगी जैसे की बहोत प्यासी हो, और वह पागलो की तरह मुझे काटने भी लगी थी. मेने उसे कोई रिस्पोंस नही दिया और भाभी तो मुझे चुसे जा रही थी और मुझे काटती जा रही थी और मुझे नोचे जा रही थी.

फिर वह अचानक रुक गयी और मेरी तरफ देखने लगी और बोली की क्या हुआ जानू? तुम क्यों ऐसे ही खड़े हो? मेने कहा की भाभी आज मेरा मुड नही हे यह सुन कर भाभी बहोत जोर जोर से हसने लगी. में तो उसे देख कर चौंक गया की यह पागल तो नही हो गयी हे ना, तो मेने पुछा की क्या हुआ हे भाभी?

भाभी और जोर जोर से हसने लगी और बोली, अगर में तेरा मुड बना दू और वह भी सरप्राइज़ फुल डीश के साथ? में तो कुछ समज गया के आज कुछ नया होने वाला हे पक्का, मेने बोला क्या? भाभी ने कहा की आज मेने तेरे लिए फुल थाली मंगवाई हे लेकिन तुजे पहले मेरे साथ चाय नाश्ता करना पड़े गा उसके बाद तुजे फुल थाली खाने को मिलेगी.

में तो यह सुन कर ख़ुशी के मारे जुम उठा और भाभी को अपने गोद में उठा कर जोर जोर से उसके बूब्स को दबाने लगा और उसे किस पर किस करने लगा और फिर दस मिनिट तक जोर जोर से किस करने के बाद भाभी बोली की अब बस करो नहीं तो कोई यहाँ पर आ जाये गा.

फिर मेने भाभी को कहा की बस एक बार मेरा निकाल दो, भाभी पटक से निचे बैठी और मेरी पेंट की जिप खोल कर मेरा लंड निकाल कर चूसने लगी, वह ऐसे चूस रही थी जैसे की कुत्ते के मुह में हड्डी हो.

थोड़ी देर मे मेरा लंड खड़ा हो गया और मेने भाभी को खड़ा किया और उसका गाउन ऊपर कर के उसको घोड़ी बना के पीछे से उसकी चूत में मेरा लंड घुसा दिया और एक ज़टका मार के पूरा लंड अंदर डाल दिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा और उनकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा और मेने थप्पड़ मार मार के उसकी गांड को एकदम टमाटर की तरह लाल लाल कर दिया था. और थोड़ी देर में मेने और उसने साथ में माल छोड़ दिया और मेने अपना सारा माल उसकी चूत में डाल कर एकदम निढाल हो कर सोफे पर बैठ गये.

फिर मैं भाभी के पास गया उसके दूध दबा रहा था उसके गले में किस कर रहा था ऐसे ही रोमांटिक मूड में तो भाभी बोली
भाभी ने कहा : अब मुझे लगता है तेरा काम बन जाएगा

मैंने कहा : कौन सा काम भाभी?

भाभी ने कहा : कोई है जो तेरे बारे में पूछ रहा था.

मैंने कहा : कौन हे? मुझे लगा कि शायद अपना काम बनने वाला है

भाभी ने कहा : कविता

मैंने कहा : सच भाभी?

भाभी ने कहा : हा.

मैं यह सुन कर खुशी से झूम उठा और भाभी को बहुत सारी किस करने लगा पूरे चेहरे पर.

भाभी ने कहा : अभी तो तू जरा रुक जा. अभी तो वह पूछ रही थी वह कौन है? क्या करता है?

मैंने कहा : इसका मतलब यह है कि अब अपना काम बन जाएगा.

भाभी ने कहा : हां, लेकिन थोड़ा टाइम लगेगा मैं कुछ जुगाड़ करके तुझे बुलाती हूं. तू अभी जा वरना कोई आ जाएगा.

फिर 2 दिन के बाद मुझे भाभी का फोन आया और भाभी ने कहा मेरे प्यारे चोदु राजा कल दोपहर को आ जाना तेरे लिए फुल थाली का ऑर्डर दे दिया गया है.

मैं बहुत खुश हुआ और भाभी को फोन पर किस देख कर फोन रख दिया.

उस रात मैंने कविता को याद करके मेरी पत्नी को खूब जम के चोदा और वह बेचारी भी हक्का बक्का रह गयी की अचानक से में उसके ऊपर इतना प्यार क्यों जता रहा हु. दूसरे दिन में सब ऊपर नीचे साफ सफाई करके भाभी के घर पर गया करीब २ बजे. फिर मैंने घर पर जा कर भाभी को गले लगाया उसे बोला यह सब कैसे हो गया यह सब.

भाभी बोली कि उसके साथ सेक्सी बातें करके पता किया और यह भी पता चला कि उसका पती ट्रक ड्राइवर है जो एक एक महीना बाहर रहता है. और उसकी शादी को २ साल हुए हैं और कोई बच्चा भी नहीं है.

तो मैंने उसे तुम्हारी बात कही तो पहले तो नखरे करने लगी, लेकिन फिर मेने उसकी अंदर की प्यास को जगाया मोबाइल में बॉयफ्रेंड दिखाकर. फिर जाकर उसने हा किया लेकिन एक शर्त पर, यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए, मेने पूछा की मेरे साथ वह ऐसे आसानी से तैयार कैसे हो गई?

भाभी ने कहा : उस दिन जब हम चुदाई कर रहे थे दूसरा राउंड तब वह फिर से घर पर आई थी और उसने हमे सेक्स करते देख लिया था और साथ में तुम्हारा ६ इंच का लंड भी देख लिया था. और दो दिन से वह तेरे नाम की उंगली अपनी प्यासी चूत में घुसा रही थी. में यह सुन कर खुशी से पागल हो गया थोड़ी ही देर में दरवाजा बजा मुझे पता था की कविता ही होगी तो में दरवाजा खोलने गया.

मैंने दरवाजा खोला तो सामने कविता ही खड़ी थी. ओह माय गॉड क्या मस्त लग रही थी, वह लाल साड़ी लाल ब्लाउज और काले घने खुले बाल और हल्की सी बॉडी स्प्रे की खुशबू मुझे दीवाना कर रही थी. में उसे देखता रहा उसके ख्यालों में खोया हुआ था. फिर वह बोली अंदर आऊं या यहीं पर खड़े खड़े.. फिर वह मुझे सेक्सी स्माइल देने लगी.

में होश में आया और कहा हा हा आओ ना ऐसा कहा. फिर मैं साइड हो गया और वह अंदर भाभी के पास जा कर बैठ गई और फुस फुसा कर बात कर रही थी, वः तिरछी नजरों से मुझे देखती जा रही थी. फिर दोनों हंसने लगी और भाभी ने मुझे इशारा करके अपने पास बुलाया और कहां की आज इसको इतना खुश कर दो कि कभी अपने पति की जरुरत ही ना पड़े. तो वह मेरी तरफ देख कर हंसने लगी फिर भाभी मुझे उसके साथ बिठाकर काम करने दूसरे रुम में चली गई.

मेंने कहा कविता आपने इतनी जल्दी मुझे हा कर दिया, मुझे तो यकीन नहीं हो रहा हे. मुझे पता हे की आंटियो को पटाने में कितना टाइम निकल जाता है.

कविता ने कहा जब से तुम्हे और भाभी को उस हालत में देखा है तब से मैं तड़प रही थी तुम्हारे लिए. ऐसा बोलकर वह सीधा मेरी कोई मुझे लिप किस करने लगी

मैं करीब 25 मिनट तक उसकी बॉडी पर मसाज करता रहा अब उसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था और वह दो बार झड़ चुकी थी. तो उसने खड़ी होकर मुझे अपने ऊपर खींच लिया मुझे लिप किस करने लगी. मैं फिर भी उसकी चूत में 3 उंगली करता रहा और एक हाथ से उसके बूब्स दबा कर मजे देता रहा.

उसने मुझे धक्का देकर बेड पर लिटा दिया और मेरी चड्डी निकाल कर मेरे लंड को देख कर कहने लगी की कितना क्यूट लंड है तुम्हारा, पूरा गुलाबी और लाल टोपा. ऐसे बोल कर वह उसको एक ही बार में पूरा उनके चूसने लगी.

में आप को कह दू की मेरी स्किन एकदम वाइट है तो उस हिसाब से मेरा लंड भी गुलाबी है और लाल टोपा है उसकी चुसाई देखकर पता लग रहा था कि वह कितनी प्यासी है वह अपने गले तक मेरा लंड लेकर चूस रही थी जैसे की उसको पूरा निगल जाएगी. थोड़ी देर बाद मेरा कंट्रोल नहीं हो रहा था.

दोनों की शरीर पर तेल लगने की वजह से पूरे रुम में खट खट की आवाज गूंज रही थी और बाहर के रूम में भाभी सब सुन रही थी. उसके बाद मैंने उसे उल्टा करके पलंग के पास सोफे पर उसको ऊपर चढ़ा कर उसे कम से कम हर पोज में पूरा एक घंटा चोदा और उसने तीन बार पानी छोड़ दिया था, और मैं झड़ने वाला था तो मेने कहा कहां डालूं? तो उसने कहा अंदर डालो बहुत दिनों से चूतने लंड का रस नहीं लिया है गीली नहीं हुई हे उसे गिला कर दो.

फिर मैंने चार पांच झटके मारे की चूत में ही जड गया. और हम दोनों पसीने और तेल से तरबतर हो गए थे. ऐसे ही 20 मिनट तक सोते रहे फिर हम दोनों फ्रेश होने गए साथ में नहाए एक दूसरे को साफ किया और बाहर आ गए. इतने में भाभी चाय लेकर आई और हम सब ने साथ में चाय पिया और दोनों को एक एक किस कर के में निकल गया.