खेत में मारी लड़की की चूत

Khet pr mari ladki ki chut

खेत में मारी लड़की की चूत

मै आज बहुत दिनों बाद गांव जाने वाला था और पापा भी बहुत खुश थे क्युकी में इस बार अपनी ख़ुशी से गांव घूमने आया था। हमारा गांव शहर से काफी दूर था इसलिए हम लोग इस बार कुछ दिन यही रहने भी वाले थे। 

हम हमारी बुआ के घर रुक गए। शाम को पहुंच कर मेने और पापा ने खाना खाकर पहले आराम कर लिआ। अब सुबह जैसे ही मेरी आंखे खुली मै नजारा देखने के लिए बुआ के घर की छत पर चला गया। 

बुआ से सामने वाले घर के लोग अभी छत पर ही सो रहे थे जिसमे 2 बहने भी वही थी। वह अपना बिस्तर उठाते हुए बाकि लोगो को भी उठा रही थी। उन्हें एक नजर देखते ही मै उनपर लट्टू सा हो गया पूरा दिन उन्ही के बारे में सोचता रहा। 

अब शाम के समय उन्ही दोनों में से एक बेहेन बुआ के घर कुछ सामान लेने के लिए आयी। मै वही बैठा था और उस लड़की को ही देखा जा रहा था। लड़की ने मुझे देखते हुए एक छोटी सी मुस्कान दी और अपना सामान लेकर चली गयी। 

मेने बुआ से उस लड़की के बारे में पूछा तो बुआ ने मुझे बताया की उस लड़की का नाम प्रिया है और वह सामने ही घर में रहती है जिनसे उनकी अछि बातचीत भी है। अब अगले दिन पापा मुझे हमारे खेत दिखने के लिए गाडी में बैठकर खेतो में ले गए। हमारे खेत देख में बहुत हैरान था। खेत से घर आते समय मुझे प्रिया  वापस से दिखी जिसको में गाडी से देखता हुआ आगे चला गया। 

अब धीरे धीरे सुबह को मै जल्दी अपनी छत पर जाने लगा और प्रिय भी मुझे खूब लाइन देने लगी। एक दिन प्रिय बुआ के घर आ कर बैठ गयी और बुआ ने मेरा परिचय प्रिया से कराया। प्रिया मुझे देखकर मुस्कुराने लगी और मेने प्रिया से उसकी पढाई के बारे में पूछा। 

गांव में होने के कारण वह ज्यादा पढ़ी नहीं थी और सिर्फ 10वी क्लास में ही थी। मेने प्रिया से कहा की अगर उसे कोई भी दिक्कत है तो वह मै उसकी पढाई में मदद कर सकता हु। बुआ ने भी कहा की हां शहर से मै बहुत कुछ पढ़कर आया हु और उसे समझा सकता हु। 

अब अगले दिन से मै और प्रिया कुछ न कुछ बाते करने लगे। वह मुझे अपने गांव के बारे में बताने लगी और रोज एक ना एक बात मुझे बताती। अब कभी कभी मै उसके घर भी चला जाता था क्युकी वह पढ़ाई के लिए मुझे बुला लेती थी। 

इस बात से प्रिया के घरवालों को भी दिक्कत नहीं थी क्युकी मै  शहर का अमीर लड़का और दिखने में भी शरीफ था। अब एक दिन प्रिय मुझसे पढ़ रही थी और हम दोनों बात भी कर रहे थे की अचानक मेरी नजर उसके बूब्स की तरफ चली गयी। 

प्रिया के बूब्स बहुत ही मुलायम दिख रहे थे जिनपर से मेरी नजर हट ही नहीं रही थी। प्रिया ने मुझे उसके बूब्स को घूरते हुए देख लिआ पर फिर भी कुछ नहीं कहा और आगे की बाते करने लग गए। 

अब प्रिया ऐसे ही मुझे उनके खेतो के बारे में बता रही थी जो हमारे खेतो से कुछ ही दूर थे। प्रिया ने मुझे बताया की वह मुझे उसके खेत भी दिखा सकती है अगर मै उसके साथ घूमना चाहु तो। मेने तभी के  प्रिया को हां कर दी और अगले दिन का प्लान बना लिआ। 

अगले दिन मै और प्रिया सुबह सुबह ही खेतो की तरफ चले गए कुछ 10 बजे हम दोनों खेत पर पहुंच गए और अब मै  बहुत ज्यादा थक भी चूका था। प्रिय को मेरी चिंता होने लगी और हम दोनों कुछ देर के लिए एक पेड़ के निचे बैठ गए। 

मेरी सांस फूलने लगी थी पर फिर भी अब मै खड़ा हुआ ओर खेतो की तरफ निकल गया। प्रिया ने मुझे खेत दिखाने शुरू किये और अब हम दोनों खेतो में ही आ  चुके थे। ज्यादा चलने की वजह से मै बहुत थक गया और कुछ देर आराम करने के लिए बैठ गया। 

अब प्रिया ने मुझे कहा की मुझे कुछ देर वही आराम कर लेना चाहिए और अब प्रिया ने कुछ पत्ते लेकर जमीन पर डाल दिए और मुझे कहा की में इसपर आराम कर लू।  जमीन मेरे सर में लग रही थी इसलिए प्रिया  ने मेरा सर अपनी गोदी में  ही रख लिआ। 

निचे से मुझे उसके चुचे दिख रहे थे और प्रिया भी मुझे ही देख रही थी। अब प्रिया धीरे धीरे अपना सर निचे करने लगी जिससे उसके बूब्स मेरे मुह्ह पर लगने लगे। कुछ देर बाद ऐसा बार बार होने पर मेने प्रिया के बूब्स पर काट लिआ और हम दोनों हसने लगे। 

अब प्रिय एकदम निचे आयी और मुझे देखते हुए मेरे होठो पर अपने होठ रख दिए। हम दोनों अब एक दूसरे के होठो को चूमने लग गए। प्रिया मेरे होठो को बड़े प्यार से चूसे जा रही थी और  वासना में खो रही थी। 

कुछ ही देर में हम दोनों भूल गए की हम खेतो में है और एक दूसरे की बाहो में आकर चुम्बन करने लगे। अब मेने प्रिया के सूट के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए जिससे वह गारा हो गयी और मेने उसका सूट कुछ ही समय में उतार दिआ। 

प्रिया के ब्रा खोलते हुए मेने उसके दोनों बूब्स की निप्पलों को बारी बारी से अपने होठो से सोखना चालू कर दिआ और प्रिया और बहुत मजे आने लगा। अब मेने प्रिया का एक हाथ अपने लंड पर रख दिआ जिसे वह प्यार से सहलाने लगी। 

मेरा लंड अब एक दम चुदाई करने को तैयार हो चूका था पर अभी प्रिया पूरी नंगी नहीं हुई थी। अब मेने प्रिया की सलवार में हाथ डालते हुए उसकी चूत को कुछ देर तक मसला और वह कुछ ही समय में गीली हो गयी। 

अब सलवार निचे करते हुए मेने पीछे से प्रिया की चूत में लंड फ़साना चालू कर दिआ। थोड़े से झटके से ही प्रिया की चूत में मेरा लंड चला गया जिसका मतलन वह पहले भी चुदाई करवा चुकी थी। 

अब मेने कुछ न सोचते हुए प्रिया की चूत मारनी शुरू कर दी। प्रिया बड़े आराम से खेत में अपनी चुदाई का मजा उठा रही थी पर मुझे दरभी लग रहा था की अगर कोई आ गया तो बहुत बड़े दिक्कत हो सकती थी। 

प्रिया की चुदाई मै जोरो से करा जा रहा था और प्रिया भी अब आहे भरने लगी थी। कुछ समय बाद अब मेने प्रिया की दोनों टाँग खोल दी और अपना लंड उसकी चूत पर रखते हुए लोडा अंदर घुसा दिआ और चुदाई करने लगा। 

प्रिया वासना से तड़पने लगी और अब मै भी पूरा गरम हो गया था। मै तेजी से अपना लंड प्रिया की चूत में अंदर बहार कर रहा था जिससे मेरा लंड एकदम ही सख्त हो गया पानी छोड़ने लगा। 

पर मेने अपने लंड पर ध्यान नहीं दिआ और प्रिया की चूत में लंड और भी गहराई में देता हुआ चुदाई कर लग गया और अचानक मेरा वीर्य प्रिया की चूत में निकल गया और मै शांत हो गया। 

उस दिन मुझे पता चला की प्रिया की चूत में मेरा वीर्य चला गया था जिसके बाद मेने तभी प्रिया को एक दवाई लेकर दे दी जिससे वह प्रेग्नेंट ना हो और मेरी भी जान बच जाए।